हरदा/मध्य प्रदेश।। मध्य प्रदेश पुलिस के सर्वोच्च अधिकारी के पद से सेवानिवृत पूर्व पुलिस महानिदेशक एच. एम. जोशी, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी है। एक समय वह था, जब मध्य प्रदेश का पूरा पुलिस महकमा उनके अधीन हुआ करता था। दूसरी इनकी बड़ी पहचान यह है, आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी के वे पिता और आईएएस अधिकारी टीनू जोशी के ससुर। उनके बेटा और बहू दोनों, भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त हो चुके हैं। उनके बेटे अरविंद जोशी शासकीय सेवा से बर्खास्त होने के बाद स्वर्गवासी हो गए। उनकी बहुत टीनू जोशी अभी जिंदा है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व डीजीपी एचएन जोशी, जिनकी आयु लगभग 99 वर्ष है के साथ हाल ही में उनके घरेलू सहायक ने उनकी भोपाल निवास पर पिटाई की है, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस स्टेशन मे की है। यह अत्यंत दुखद घटना है, एक 99 वर्ष के बुजुर्ग वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट अत्यन्त निंदनीय घटना है। लेकिन यह दुखद घटना संज्ञान में आने के बाद, जोशी परिवार के परिचित रहे, "जयदीप सिंह चौहान" ने आंखों देखा हाल लिखा है।
"मेरे मन मे" कई वर्षों पूर्व की वह घटना याद आ गई है। जब मैं बालक था, तथा मेरे पिताजी शासकीय अधिकारी थे। उस समय ग्वालियर में पदस्थ थे। मेरे पिताजी को आंवटित शासकीय बंगला भी उस वक्त के ग्वालियर के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक श्री एच. एन. जोशी जी के बंगले के पीछे था। मैं अपने स्कूल श्री एच. एन. जोशी जी के बंगले के सामने से होकर नियमित निकलता था। एक दिन मैंने देखा कि जोशी जी बंगले के पोर्च में खड़े हुए हैं। और एक निर्बल गरीब से आदमी को पुलिस के जवान पीट रहे हैं। जोशी जी, जोर-जोर से कह रहे हैं "मारो साले को...." बंगले के बाहर गेट पर एक महिला दो बच्चों के साथ खड़ी थी, जो उसकी पत्नी लग रही थी। वह चीख-चीख कर कह रही थी, मेरे पति को मत मारो, नहीं तो यह मर जाएगा .... मैं , बालक भी तमाशाबीन बनकर इस पूरी घटना को बंगले के बाहर मेन गेट से देख रहा था। काफी पीटने के बाद उस व्यक्ति को बंगले के बाहर फेंक दिया गया।
वह व्यक्ति अपनी पत्नि के साथ रोते हुए जा रहा था। पीछे-पीछे उसके दो बच्चे चल रहे थे। जिनकी उम्र लगभग सात और ग्यारह वर्ष होगी। हमारे घरेलू सहायक जो कि मुझे स्कूल छोड़ने जाते थे, ने उस व्यक्ति से पूछा कि, भैया आपको साहब बंगले में क्यों पीटवा रहे थे? उस व्यक्ति ने कहा - मैं दतिया जिले में पटवारी हूं। तथा जोशी साहब का बेटा अरविंद जोशी वहां प्रशिक्षु आईएएस के रूप में पदस्थ है। मुझे से वह एक प्रकरण मे रिश्वत के रूप मे चार हजार रुपए की मांग कर रहा है। मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि, मै उन्हें दें संकू। चार हजार रुपए उस वक्त गरीब लोगो के लिये काफी बड़ी रकम हुआ करती थी।
मैं अपने परिवार के साथ अरविंद जोशी जी के पिता जी श्री एच. एन. जोशी जी से मदद मांगने गया था। तो उन्होंने कहा - मेरे बेटे पर झूठा आरोप लगाता है और मुझे पुलिस कर्मियो से पिटवाया। वह व्यक्ति और उसकी पत्नी और दोनों बच्चे रोते हुए जा रहे थे। एक छोटे व्यक्ति के साथ अन्याय होते देखकर , मेरा मन द्रवित हो गया था। तत्पश्चात अरविंद जोशी की शादी आइएएस अधिकारी टीनू जोशी से हुई। पिताजी के साथ मै भी इस विवाह समारोह में गया। वहां जिंदगी की चकाचौन्ध और ऐश्वर्या देखा तो मन में एक ही प्रश्न होता था। क्या भगवान की अदालत में न्याय नाम की कोई चीज है की नहीं....."
सालों बाद मैने भोपाल की जिला न्यायालय में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार आइएएस अधिकारी अरविंद जोशी और आइएएस अधिकारी टीनू जोशी को पुलिस कस्टडी में न्यायाधीश के सामने पेश होते हुए भी देखा था। तब मेरे मन में एक विश्वास उत्पन्न हुआ कि, ईश्वर के यहां न्याय है।
बुधवार को दूसरी घटना संज्ञान में आई, तब विश्वास हो गया कि, दुनिया मे मानवीय न्याय व्यवस्था के साथ-साथ प्रकृति के न्याय व्यवस्था, आज भी कायम है। "हम अगर गलत करते हैं, किसी के भी साथ तो , उसका परिणाम गलत ही होगा, अभी होगा या कुछ समय बाद होगा, लेकिन होगा जरूर, परिणाम जरूर भुगतना पड़ेगा" मैं कहता हूं.. "ये एचएन जोशी के सामने पहली शिकायत जब रिश्वत की आई थी कि, उनका बेटा 4000 रिश्वत के रूप में मांग रहा है, तब अगर बेटे का पक्ष नहीं लेते तो, शायद अरविंद जोशी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सलाखों तक नहीं पहुंचता। क्योंकि पहली सीख पिता से मिल जाती। अपने को भ्रष्टाचार नहीं करना है। उस समय जोशी दंपति के पास पद का पावर था, इसलिए इंसान को इंसान नहीं समझ रहे थे। लेकिन देखिए आज इस डीजीपी पद से सेवा निवृत हुए एचएन जोशी की पुलिस नहीं सुन रही है। 99 वर्ष की आयु में एच एन जोशी अकेले बंगले में रहते हैं। कोई भी साथ देने वाला नहीं है। एक छोटा बेटा है जो दिल्ली में रहता है। अब तो मान लीजिए ईश्वर के यहां न्याय है !
रामविलास कैरवार
पत्रकार, हरदा