“आसमान का तेंदुआ” मनुष्यों का शिकार करने वाला इकलौता पक्षी

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  सब-सहारा अफ्रीका के घने जंगलों में एक ऐसा शिकारी पक्षी रहता है, जो इतना ताकतवर और भयावह है कि उसे अक्सर “आसमान का तेंदुआ” कहा जाता है। इसका नाम है क्राउन ईगल (Crowned Eagle) धरती के सबसे शक्तिशाली ईगल्स में से एक, और इकलौता पक्षी जिसे मनुष्यों, विशेष रूप से छोटे बच्चों, को संभावित शिकार करने के लिए जाना गया है। इसका वज़न लगभग 7 से 10 पाउंड तक होता है और पंखों का फैलाव करीब 6 फीट तक।
Crowned Eagle
  यह शिकारी पक्षी इतना ताकतवर है कि इसकी टाँगें किसी इंसान की कलाई जितनी मोटी होती हैं और इसके पंजे इतने मजबूत कि हड्डियाँ तक तोड़ सकते हैं। इसका सामान्य आहार बंदर, हिरन और यहां तक कि बड़े आकार की छिपकलियाँ भी हैं, जो कई बार इसके खुद के वज़न से भारी होती हैं। लेकिन इसे सिर्फ ताकतवर इसलिए नहीं माना जाता है, इसकी असली ताकत है इसकी चुपचाप शिकार करने की क्षमता, धैर्य और रफ्तार।
  सबसे डरावनी बात यह है कि क्राउन ईगल को कुछ दुर्लभ मामलों में मानव बच्चों पर हमलों से जोड़ा गया है। अफ्रीका की प्राचीन पुरातात्त्विक साइट्स से मिले साक्ष्य बताते हैं कि हमारे आदिकालीन पूर्वज यानी छोटे आकार के होमिनिन्स, कभी-कभी इन शक्तिशाली पक्षियों का शिकार बने होंगे। एक प्रसिद्ध जीवाश्म, एक तीन वर्षीय ऑस्ट्रालोपिथेकस बच्चे का जिसे “टाउंग चाइल्ड” कहा जाता है। उसके खोपड़ी में ऐसे घाव मिले जो किसी बड़े शिकारी पक्षी के हमले से मेल खाते हैं। कई वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके पीछे क्राउन ईगल का हाथ हो सकता है।
  आज के ज़माने में ऐसे हमले बहुत दुर्लभ हैं, लेकिन पूरी तरह से ग़ायब नहीं। दूरदराज़ के इलाकों में स्थानीय लोग अब भी कहानियाँ सुनाते हैं कि कैसे ये ईगल अचानक पेड़ों की छतरी से बिजली की गति से झपटते हैं। भले ही ये अब सक्रिय रूप से इंसानों का शिकार नहीं करते, लेकिन इनकी क्षमता और इतिहास इन्हें पूरी तरह अलग श्रेणी में रखता है।
  एक ऐसी दुनिया में जहाँ ज्यादातर पक्षी इंसानों से डरते हैं, क्राउन ईगल हमें यह याद दिलाता है कि हम हमेशा खाद्य श्रृंखला के सबसे ऊपर नहीं होते और प्रकृति के अपने ही नियम होते हैं।

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