राहुल द्रविड़ को बैंगलोर विश्वविद्यालय ने उनके क्रिकेट में शानदार योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित करने का फैसला किया था। हालांकि, द्रविड़ ने इसे विनम्रता से अस्वीकार कर दिया। उन्होंने इस फैसले के पीछे यह तर्क दिया कि वे इस उपाधि के लिए उस शैक्षिक मेहनत और समर्पण को नहीं दे पाए, जो इसे हासिल करने के लिए जरूरी होता है। उनके इस कदम ने उनकी सादगी और मूल्यों के प्रति निष्ठा को एक बार फिर सामने लाया, जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
राहुल द्रविड़ ने वास्तव में एक प्रेरणादायक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और माँ के समर्पण और मेहनत को बहुत ही खूबसूरती से बयान किया। उनकी पत्नी, जो एक डॉक्टर हैं, ने इस उपाधि को हासिल करने के लिए अनगिनत दिन कठिन परिश्रम किया। वहीं, उनकी माँ, जो आर्किटेक्चर की प्रोफेसर हैं, ने इस डिग्री के लिए पचास साल तक मेहनत और धैर्य के साथ काम किया। यह दर्शाता है कि सफलता के पीछे कितना प्रयास और समय लगता है, और राहुल ने इसे बहुत ही सम्मान और गर्व के साथ प्रस्तुत किया।