नकारात्मक ऊर्जा शांत करने के उपाय, what is negative thinking, विचारों पर नियंत्रण, सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा, सकारात्मक क्या होता है, सकारात्मक विचारों की शक्ति, sakaratmak vichar kaise dur kare
नकारात्मक सोच क्या हैं (Negativity)
इससे पहले कि आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक में बदल सकें, आपको यह समझने की आवश्यकता है कि नकारात्मक सोच क्या है। जब आप किसी में केवल बुराई देखते हैं तो उसे नकारात्मक सोच कहते हैं। इसे किसी ऐसे व्यक्ति पर लागू किया जा सकता है जिसे आप पसंद नहीं करते या कम पसंद करते हैं, चाहे वे कोई भी हों।
नकारात्मक सोच क्यों आती है
नकारात्मक विचार कोई नई बात नहीं है। जब तक मनुष्य आसपास रहे हैं तब तक वे आसपास रहे हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने हाल ही में पता लगाया है कि नकारात्मक सोच क्यों होती है। जब आप किसी चीज के बारे में सोचते हैं, तो आपका दिमाग उसे सुरक्षित रखता है। लेकिन जब कुछ बुरा होता है या कुछ बुरा होता है, तो आपका दिमाग सक्रिय हो जाता है क्योंकि ऐसा लगता है कि यह आपके शरीर के लिए हानिकारक है। इसलिए आपके दिमाग में नकारात्मक सोच घर करने लगती है।
नकारात्मक सोच कैसे बनती है
जब आप ऐसी चीजें देखते हैं जो आपको जलन पैदा करती हैं, तो आपके विचार नकारात्मक होने लगते हैं। इससे ईर्ष्या की भावना उत्पन्न हो सकती है, जो बाद में वस्तु या व्यक्ति के प्रति घृणा के विचारों में बदल सकती है। यदि आप अपने विचारों को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो वे अंततः एक तीव्र अरुचि में बदल सकते हैं।
नकारात्मक सोच की पहचान
नकारात्मक सोच की पहचान करने के लिए आपको सबसे पहले विचारों (नकारात्मक विचार) और उनके साथ आने वाली भावनाओं को समझने की जरूरत है। फिर आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि विचार गलत है या मान्य है। यदि यह एक मान्य विचार है, तो आपको इसे स्वीकार करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। आप अपने आप पर ध्यान केंद्रित करके और नकारात्मक भावनाओं को लाने वाली स्थितियों या लोगों से बचकर ऐसा कर सकते हैं।
नकारात्मक सोच के लक्षण (Symptoms)
नकारात्मक सोच के लक्षण कुछ इस तरह के हो सकते हैं –
- अपने आपको हमेशा दूसरों की तुलना में कम अथवा अधिक आंकना
- दूसरों में हमेशा खामी निकालना
- अपने आपको हमेशा अपमानित समझना जैसे घर में कार्यक्रम के वक़्त किसी ने आपसे खाने का ना पूछा हो, इस तरह के कई भाव जब आपको लगता हैं कि आपको आदर नहीं मिल रहा हैं.
- हर व्यक्ति में कोई ना कोई कमी होती हैं लेकिन उसे दिल और दिमाग में बैठाकर अपने आपको हीन दृष्टि से देखना भी नकारत्मक भाव हैं.
- असंतुष्ट रहना अर्थात अपने जीवन, अपने काम से लगाव ना होना और सदैव इस गलत ही सोचना.
- छोटी सी बात में दुखी होना और अपने आपको और दुसरो को कष्ट देना.
- किसी भी कार्य को करने से पहले उसके सकारात्मक पहलू को देखने के बजाय पहले नकारात्मक पहलू को देखना.
- सामने आई कोई भी वस्तु जैसे भोजन अथवा वस्त्र आदि में बुराई ढूँढना.
ऐसे और भी कई कारण हो सकते हैं जो मनुष्य को नकारात्मक जीवन का गुलाम बनाते हैं. ऊपर लिखे सभी बिन्दुओं के अनुसार अपने जीवन का अवलोकन करें कि कहीं आप भी तो नकारात्मक भाव से पीढित तो नहीं हैं ?
नकारात्मक सोच से नुकसान
यदि आप अपने जीवन के बारे में नकारात्मक सोचते हैं, तो आप यह मानने लगेंगे कि यह ईश्वर की ओर से एक दंड है। लेकिन इस तरह जीवन नहीं जीना चाहिए। इसके बजाय, आपको उन अच्छी चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए जो ज़िंदगी देती हैं। इस तरह, आप फिर से जीवन का अनुभव कर सकेंगे और वास्तव में इसका आनंद उठा सकेंगे।
नकारात्मक सोच वाले लोग कौन होते हैं
नकारात्मक सोच वाले लोग वे होते हैं. जिन्हें कभी किसी की अच्छाई नहीं दिखती. वे हमेशा सभी की खामियां ही ढूंढते रहते हैं. भले ही उसके अन्दर लाख अच्छाई क्यों न हो. लेकिन उनके अंदर यदि एक खामी है तो नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को वह एक खामी ही नज़र आती है.
नकारात्मक सोच बदलने का मूल मन्त्र
जब आप एक अच्छा जीवन जीना चाहते हैं, तो अच्छी दिशा का होना जरूरी है। अपने अंदर की कमियों को स्वीकार करें और खुद की मदद करें। प्राचीन भारतीय शास्त्र कहते हैं कि हम अपनी खुशी और सफलता के लिए खुद जिम्मेदार हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम स्वार्थी हो जाते हैं, इसका मतलब यह है कि जब तक आप खुद से प्यार नहीं करते, तब तक आप किसी और को खुश नहीं कर सकते। जीवन संघर्ष से भरा है – यह बढ़ने और सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है। संघर्षों और दुखों को बोझ समझोगे तो जीवन अभिशाप सा लगने लगेगा। अपने अंदर देखना और अपनी समस्याओं को ठीक करना महत्वपूर्ण है।
नकारात्मक सोच से छुटकारा (How to End Negativity)
जीवन को नकारात्मक सोच से कैसे मुक्ति पाये, इसके लिए आसान तरीके लिखे गये हैं जिन्हें आप अपने डेली रूटीन के साथ आसानी से जीवन में शामिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको अपने आपको जगाना होगा साथ ही आपकी सोच नकारात्मक हैं इसे स्वीकार करना होगा जो कि बहुत बड़ी बात नहीं हैं. आज कल क्राइम और धोखा धडी के साथ परिवारों में बढ़ती दूरियों के कारण नकारात्मकता बढ़ती ही जा रही हैं. इससे निम्न उपायों को अपनाकर छुटकारा पाया जा सकता है| अच्छे जीवन के लिए जरूरी है कि नकारात्मक विचारों को दूर रखा जाए। इसके लिए कई ऐसे तरीके भी हैं जिसे आप आसानी से अपना कर अपने जीवन को सुधार सकते हैं। यदि आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो नकारात्मक विचारों को दूर रखना आसान हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने कमरे को साफ रखते हैं, तो इससे आपका मूड सकारात्मक रहने में मदद मिलेगी। कभी-कभी समस्याएँ आती हैं, लेकिन उनसे निपटने के कई तरीके हैं। जब ऐसा होता है, तो यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सब कुछ योजना के अनुसार नहीं होगा। इससे नकारात्मक विचार उत्पन्न हो सकते हैं, जो समय की बर्बादी हो सकती है और आपके जीवन को नुकसान भी पहुंचा सकती है। हालाँकि, यदि आप नकारात्मक विचारों से दूर होने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो इन युक्तियों का पालन करना मददगार हो सकता है।
1. नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से दूर रहें
ऐसे लोग जो हमेशा नकारात्मक सोच रखते हैं या ऐसी बातें करते हैं। उनसे हमेशा दूर रहने की कोशिश करें। उनके साथ रहने से आप पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आपकी सोच भी प्रभावित होगी।
हर छोटी-छोटी बात या परेशानी को आप नकारात्मक नजरिये से देखने लगेंगे। इसलिए हमेशा उत्साही, कुछ नया करने को लेकर जोश वाले और हंसमुख इंसान से अपनी दोस्ती बनाएं।
2. नकारात्मक ख्याल आए तो दूसरी और लगाए
नकारात्मकता से दूर रहने का ये भी अच्छा तरीका है। जब भी कोई निगेटिव ख्याल मन में आए तो तुरंत अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करें। कोई सुंदर गीत सुनने लगें, किसी से बात करें या फिर खेलने, मनोरंजन आदि में खुद को व्यस्त कर लें। समस्या पर फिर थोड़ी देर बाद खुले मन से विचार करें। परिस्थिति बदलने लगेगी।
3. योग या प्राणायम करें
पॉजिटिव सोच को लाने के लिए योगाभ्यास और कसरत भी एक अच्छा तरीका है। यह केवल शरीर फिट नहीं रखता बल्कि मानसिक तौर पर भी आपको मजबूत बनाता है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। पूरे दिन में केवल एक समय तय कर लें और योग, प्राणायाम जरूर करें। मेडिटेशन करने से आप निगेटिव थॉट्स से खुद को दूर रख सकते हैं, तनावमुक्त रह सकते हैं। अपने लिए आधे घंटे का समय निकालकर मेडिटेशन और योग करें। मेडिटेशन करने के लिए शांत वातावरण का चयन करें। आप नियमित रूप से रोजाना सुबह 10 मिनट की वॉक भी कर सकते हैं।
जीवन में उदासी नकारात्मकता लाने का एक बड़ा कारण है। कई बार हम छोटी-छोटी बातों पर भी तनाव में रहते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा हंसने का अभ्यास करें। विज्ञान भी लाफ्टर थैरेपी के महत्व को मानता है। अपने मन को शांत रखें और रोजाना सुबह 10 मिनट हंसे। दिन भर की भागदौड़ के बीच भी हंसने का बहाना खोजे और टेंशन नहीं ले।
4. अपनी हॉबी को समय दें
अपनी बिजी लाइफ के कारण अक्सर लोग अपने पसंदीदा काम नहीं कर पाते हैं। लेकिन जब कभी आपके मन में बुरे ख्याल आने लगें तब आपको अपनी हॉबी को टाइम देना चाहिए। इस तरह आप खुद को व्यस्त रख सकते हैं। सिंगिंग, डांसिंग, कुकिंग या फिर पेंटिंग आपको जो भी पसंद हो आप वो कर सकते हैं। इससे आपका खराब मूड ठीक होगा।
5. अपने आसपास सफाई रखें
नकारात्मकता को दूर रखने के लिए यह भी बहुत ज़रूरी है कि आप अपने आसपास सफाई रखें। गंदे वातावरण में रहने से निगेटिव सोच आती है। इसलिए जरूरी है कि पॉजिटिव वाइव्स के लिए अपने घर और आसपास की जगहों को साफ-सुथरा रखा जाए। अपने घर या कमरों में प्रेरणादायी विचार या ऐसे पोस्टर बनाकर लगा सकते हैं। इससे भी आप अच्छा महसूस करेंगे।
6. परिवार के सदस्यों से बातचीत करे
आजकल अपनी बिजी लाइफ के चलते लोग अपनी फैमिली को टाइम नहीं दे पाते। लेकिन जब आप अपने परिवार के साथ होते हैं तो आप खुश रहते हैं और सभी चिंता-परेशानी आपसे दूर रहती हैं। अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ अच्छा टाइम स्पेंड करें।
7. ईश्वर में ध्यान लगाएं
नकारात्मकता को दूर रखने के लिए ये भी बहुत जरूरी है कि आप ईश्वर का ध्यान करें। अगर पूजा-पाठ संभव नहीं है तो कम से कम 5 से 10 मिनट ध्यान करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा। मन भी हल्का महसूस होगा।
8. किताबें पढ़ने की आदत डालें
किताबें इंसान की बेहतर दोस्त होती हैं। अपनी सोच को पॉजिटिव रखने के लिए आप रोजाना कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं। किताब पढ़ने से आप तनाव से दूर रहते हैं और आपके दिमाग में अच्छे विचार आते हैं। किताबें पढ़ने के साथ ही आप अपने मन के विचारों को लिखने के लिए एक डायरी भी बना सकते हैं। इस डायरी में आप अपने पूरी दिनचर्या को शब्दों में उतार सकते हैं। साथ ही पॉजिटिव कोट्स पढ़ने की आदत भी डालें।
9. ध्यान भटकाएं
जब कभी आपके मन में नकारात्मक विचार आएं तो ऐसे में आप अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करें। इसके लिए आप म्यूजिक का सहारा ले सकते हैं। अगर आपके आसपास छोटे बच्चे हैं तो उनके साथ खेलें। थोड़ी देर के लिए आप जो काम कर रहे हों उसे छोड़ दें और किसी दूसरे काम को करना शुरू कर दें.
10. सुस्ती दूर भगाएं, व्यस्त रहें
अपने दिमाग को हमेशा कहीं न कहीं व्यस्त रखें। कोई काम नहीं भी हो तो अच्छी किताब पढ़ें, कोई कथा-कहानी सुने। फिल्मों का शौक है, तो इसका भी सहारा ले सकते हैं पर खाली नहीं बैठे। खाली बैठने से कई बार हमारे दिमाग में बेवजह की बातें और नकारात्मक चीजें आती हैं। साथ ही सुस्ती को भी दूर भगाएं। अगर आप सुस्ती को दूर करने में कामयाब रहते हैं तो ज्यादा व्यस्त रहेंगे और कुछ नया करने के बारे में सोच सकेंगे।
11. आगे के बारे में न सोचें
कई बार लोग भविष्य के बारे में सोच-सोचकर अपने आज को बिगाड़ देते हैं। वे आने वाले कल को लेकर इतने ज्यादा चिंतित रहते हैं कि वे आज में जीना ही भूल जाते हैं और भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं। खुश रहने के लिए, आज को जिएं। कल की चिंता करें, लेकिन आज को बर्बाद किए बिना।
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